Kantak Shani Ashtamshani and the Sade Sati of Shani
Price: | Rs.120.00 |
Detail Of Kantak Shani Ashtamshani and the Sade Sati of Shani
ISBN | 8189221604 |
Language: | Hindi |
Product Code: | 1 |
Size(in cm): | 8.5 inch X 5.5 inch cm |
Weight(in grams): | 290(approx) |
Description:
कंटक शनिए अष्टम शनि और शनि की साढ़े सातीए ये शनि का क्रमंशरू लग्न और चन्द्र सेएचतुर्थ और अष्टम तथा चन्द्र और उससे द्वितीय तथा दूादश भाव में गोचर मात्र हैए लेकिन सतही ज्योतिष करने वालेए शनि एक नामए..शब्दए जिससे समाज में भय व्याप्त हैए को जोड़ कर पैसा कमाते हैं और जनता को उत्तरोतर और विशेषकर संवेदनशील महिलाओं को आंतकित करते हैं। इस सामाजिक कुरीति के विरोध में भारतीयविद्याभावन के प्रांगण में छात्रों द्वारा सैकड़ों कुण्डलिलों पर इन गोचरों में घटने वाली अनेकानेक घटनाओं पर शोध कार्य किया गयाए जिससे निष्कर्ष निकलता है कि शनि का गोचरए मात्र घटना के समय का निर्धारण करने में सहायक तो सिद्ध हो सकता है लेकिन जीवन की दिशा दशाओं से ही निर्धारित होती है। किसी भी घटना के शुभ.अशुभ होने में ग्रहों की विभिन्न भावों व वर्ग कुण्डलियों तथा राशियों व नक्षत्रों में परस्पर स्थितिए योग तथा दशाक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बारह राशियोंए सत्ताईस नक्षत्रए नौ ग्रहए बारह भावों व षोडश वर्गेां से5ए59ए872 संयोजन बनते हैं। तो केवल एक गोचर के आधार पर कैसे फलित किया जा सकता है। टेलिविजन के विभिन्न चैनलों पर तथा समाचार पत्रों में केवल चंन्द्र शनि के गोचर के आधार पर भविष्य बताया जाता है। छरू अरब की विश्व की जनता मेंए बारह राशियों के आधार पर50 करोड़ व्यक्तियों का या भारत की108 करोड़ की जनता में9 करोड़ व्यक्तियों का भविष्य एक सा नहीं हो सकता । दैनिक हिन्दु के प्रसिद्ध संपादक कस्तूरी रंजन स्वयं ज्योतिष जानते थे और साप्ताहिक भविष्यवाणी को मॉस फ्रॉड बताते थे। पबुद्ध किन्तु भ्रमित जनता के सही मार्ग निर्देशन में यह पुस्तक अवश्य ही सफल सिद्ध होगी।
Reviews (0)
Write a review
Your Name:Your Review:
Note: HTML is not translated!
Rating: Bad Good
Enter the code in the box below: