Vishvakarma Mahaapuran
Price: | Rs.400.00 |
Detail Of Vishvakarma Mahaapuran
ISBN | 81-7681-023-1 |
Pages | 283 |
Language: | Hindi |
Product Code: | 1 |
Size(in cm): | 27.5*21 cm |
Weight(in grams): | 700(approx) |
Description:
विश्वकर्मा महापुराण पुराणवेता सूतजी एवं शौनक आदि ऋषियों के संवाद स्वरूप अखिलब्रह्माण्ड नायक संपूर्ण चराचर जगत के सृष्टा, पालनकर्ता तथा संहार करने वाले विश्वकर्मा भगवान का परिचय सरल भाषा में शास्त्रीय आधार पर इस महापुराण में दिया गया है। इसमें ऋषियों द्वारा प्रस्तुत शंकाएं, मैथुनी तथा अन्य सृष्टियों की रचना, दुराचारी विन, पृंथु चरित्र, विश्वकर्मा का अवतार, नव-निर्माण, समुद्र-मंथन, वामन अवतार, शंकर अंधक युद्ध, प्रभु के पांच पुत्रों की उत्पत्ति, पंच ब्रह्मर्षि, कन्यादान का माहात्म्य सूर्य विवाह, अग्नि पान, सृष्टि वर्णन, पाताल लोक का वर्णन, महात्मा चित्रकेतु वज्र का निर्माण, विश्वरूप की कथा विश्वकमेश्वरलिंग स्थापना, राजा प्रेमांगद की कथा, धनंजय सेठ का आख्यान, रथकाट का प्रसंग, विश्वावसु आख्यान, द्वारिकापुरी निर्माण की कथा शिल्पी प्रतिष्ठा, प्रभु विश्वकर्मा पुराण महात्मय, श्रवण विधि और फल, श्रीमद्धिश्वकर्म स्तुति पाठ, विश्वकर्मा की आरतियां चालीसा, विश्वकर्मा के 108 नाम विश्वकर्मा कवच स्तोत्र व विश्वकर्मा सूक्त दिया है। इन सबके अतिरिक्त ग्रन्थ में विश्वकर्मा भगवान की पूजन विधि तथा पूजन-सामग्री भी लिखी गई है। इसी कारण यह ग्रन्थ स्र्वंगीय पूर्ण एवं लाखों की पसन्द है। इस महापुराण को स्वच्छ वस्त्र में लपेटकर पूजा-स्थल में रखें तथा धूप-दीप अर्पित करें। श्रद्धापूर्वक इसके सुनने व सुनाने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। निर्धन को धन, सन्तानहीन को सन्तान, असाध्य रोग से पीडि़त रोगी विषम रोग से छुटकारा पाकर स्वस्थ्य लाभ पाता है। नियमित पाठ करने से भूत-पिशाच आदि बाधाएं दूर होकर सभी मनोकामना पूर्ण होती है। तथा समस्त पाप नष्ट होकर अन्त में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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